Bihar Election News: दोस्तों आपने कई बार यह तो देखा होगा! कि राहुल गांधी यह आरोप लगाते रहते चुनाव आयोग पर भी और सरकारों पर भी कि बीते महाराष्ट्र के चुनाव में भी गड़बड़ घोटाला हुआ धांधली की गई! और हाल ही में राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र की ही तरह बिहार में भी वोट चुराने की कोशिश की जा रही है! इलेक्शन कमीशन ही भाजपा का काम कर रहा है!
उन्होंने कहा कि अडानी उड़ीसा सरकार चला रहे हैं! और जिस तरह से उन्होंने आरोप लगाए हैं! कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव में मेज फिक्सिंग हुई है! बिहार में भी ऐसा हो सकता है! तो इन आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने हाल ही में कुछ दिनों पहले राहुल गांधी को बात करने के लिए भी बुलाया! जो महाराष्ट्र में चुनाव में उन्होंने गड़बड़ी के आरोप लगाए मैच फिक्सिंग वगैरह की तरह!
Bihar Election News
तो अब इसी बीच आज चुनाव आयोग की एक लेटेस्ट रिपोर्ट भी जारी हुई! जिसमें कुछ बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं कि वोटर लिस्ट में कई विदेशी लोगों के भी नाम है हमारे देश में! खास करके बिहार राज्य में चुनाव में धांधली में एक नया खुलासा सामने आया!
जिसमें पता चला कि वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार के भी कई घुसपैठियों के नाम शामिल हैं! चुनाव आयोग की तरफ से एसआईआर लिस्ट जारी की गई जिसमें यह चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं! एसआईआर का मतलब होता है स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन!
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन
अब ये क्या है? इसके बारे में मैं आपको डिटेल जानकारी अभी बताऊंगा। लेकिन इसी बीच कुछ और फर्जीवाड़े के मामले भी सामने आ रहे हैं। तेजस्वी यादव ने भी आरोप लगाए कि बीएलओ फर्जी फॉर्म अपलोड कर रहे हैं। चुनाव आयोग की प्रक्रिया तो सिर्फ दिखावा है। तो इन सब आरोप-प्रत्यारोपों के बीच आज चुनाव आयोग की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया!
और यह फैसला ना सिर्फ बिहार राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए लिया गया। बिहार की तरह पूरे देश में अब वोटर लिस्ट की जांच की जाएगी और चुनाव आयोग ने बाकायदा इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है। हालांकि वैसे तो इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 28 जुलाई की सुनवाई होगी। उसके बाद फैसला होगा क्योंकि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव में वोटर लिस्ट रिवीजन पर सहमति जताते हुए कहा था कि यह वोटर लिस्ट रिवीजन जो है यह जारी रहेगा।
चुनाव आयोग की तरफ से एक बड़ा फैसला
चुनाव आयोग को हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्देश जरूर दिया था कि लोगों को आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड या राशन कार्ड के जरिए भी अन्य पहचान पत्रों के जरिए भी वोट डालने की इजाजत दी जाए। राइट? तो इस बीच आज चुनाव आयोग की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया है। ईसी यानी इलेक्शन कमीशन ने बिहार के बाद अब पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन एसआईआर कराने का प्लान किया है और इसके तहत वोटर लिस्ट की गहनता से जांच की जाएगी और अपडेट किया जाता है!
वोटर लिस्ट को इस एसआईआर सिस्टम में। अगले महीने अगस्त से इसकी शुरुआत हो सकती है और इतना ही नहीं इलेक्शन कमीशन ने सभी राज्यों में अपनी चुनाव मशीनरी को एक्टिव भी कर दिया है इस प्लान को एग्जीक्यूट करने के लिए और चुनाव आयोग का यह फैसला उसके बाद लिया गया!
जब 10 जुलाई को बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को जारी रखने की परमिशन दे दी थी सुप्रीम कोर्ट ने और इसे संवैधानिक बताया था। वैसे तो देश के कई विपक्षी राजनीतिक दल और कई लोग इस रिवीजन के खिलाफ हैं और इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है क्योंकि यह दावा किया जा रहा है कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के चलते योग्य नागरिक भी अपने मताधिकार से वंचित हो जाएंगे।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी का कहना
लेकिन चुनाव आयोग के एक अधिकारी का कहना है कि 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में फाइनल सुनवाई के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। यहां तक कि कुछ राज्यों के चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने तो अपने राज्यों में पिछली एसआईआर के बाद पब्लिश वोटर लिस्ट जारी करना भी शुरू कर दिया है। तो सबसे पहले तो आप यह समझिए कि एसआईआर होता क्या है?
क्या होता है स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन? तो ईसीआई यानी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया यानी भारतीय निर्वाचन आयोग इसके तहत नए सिरे से वोटर लिस्ट को अपडेट करता है।यानी सिंगल एक लाइन में हम ऐसे समझ सकते हैं कि जो एसआईआर होता है उसको हम अपडेटेड वोटर लिस्ट कह सकते हैं जो चुनाव आयोग की तरफ से जारी की जाती है।
जिसमें जो नए 18 साल से ऊपर के युवा हो चुके हैं उनको जोड़ दिया जाता है और या कोई अयोग्य नागरिक हैं कोई गलत तरीके से वोटिंग लिस्ट में एडेड है। जैसे कि कुछ खुलासे सामने आ रहे हैं। नेपाल बांग्लादेश में अमर के घुसपैठ ये शामिल है तो उनको वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया जाता है। तो ये जो अपडेट रिवीजन का काम होता है इसे ही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन कहा जाता है। इसमें नए योग्य मतदाताओं को जोड़ा जाता है।
18 प्लस के मृतक या स्थानांतरित वोटर्स के नाम हटाए
18 प्लस के मृतक या स्थानांतरित वोटर्स के नाम हटाए जाते हैं! जो मर चुके हैं या कहीं और ट्रांसफर हो चुके हैं! मौजूदा वोटर्स की जानकारी में सुधार किया जाता है! अगर किसी की डुप्लीकेट एंट्री है तो उसे हटाई जाती है! ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पब्लिश की जाती है! वोटर एप्लीकेशन फॉर्म जमा किए जाते हैं। फॉर्म सिक्स से 8 फिजिकल वेरिफिकेशन और फील्ड इंस्पेक्शन किया जाता है! ऑब्जेक्शन पर सुधार किया जाता है! और फाइनल वोटर लिस्ट को पब्लिश किया जाता है! ठीक है?
अब एक रिपोर्ट के मुताबिक दोस्तों, दिल्ली की सीईओ की वेबसाइट पर भी 2008 की वोटर लिस्ट उपलब्ध है! देखिए जरा! कई राज्यों में 2004, 2003, 2002 में वोटर लिस्ट अपडेट हुई! उसके बाद से यह अपडेट नहीं हुई है। यही वजह है कि अभी बिहार के चुनाव माहौल के बीच जब यह मुद्दा उठ ही चुका है! तो अब चुनाव आयोग ने प्लान बनाया है! कि क्यों ना देश भर में एक बार वोटर लिस्ट को रिवाइज कर दिया जाए! अपडेट कर दिया जाए! क्योंकि बिहार के वोटर लिस्ट में ढेर सारे नेपाल बांग्लादेश के लोग भी शामिल हैं! चुनाव आयोग के अफसरों के हवाले से यह खबर आई है!
1 अगस्त से अब यह सब कुछ जांच शुरू
तो 1 अगस्त से अब यह सब कुछ जांच शुरू होगी है! कपिल सिब्बल बोले कि चुनाव आयोग तो कठपुतली है! इस फैसले पर कई राजनीतिक वकील वगैरह यह भी ऑब्जेक्शन जता रहे हैं। और चुनाव आयोग द्वारा जो यह वोटर लिस्ट अपडेट करने के दौरान स्क्रीनिंग की जा रही है! इसमें यह टोटल 14 तरह के दस्तावेज यानी डॉक्यूमेंट मांगे जा रहे हैं!
जिनकी लिस्ट वगैरह भी आप देख सकते हैं! इनमें से जो भी डॉक्यूमेंट आपके पास अवेलेबल है, वो आपको देना है! जब चुनाव आयोग के अधिकारी मतदाता वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए! आपसे सर्वे के दौरान डॉक्यूमेंट्स जानकारी मांगते हैं! ओके तो उम्मीद है दोस्तों चुनाव आयोग का यह बड़ा फैसला महत्वपूर्ण न्यूज़ अपडेट आपको जरूर जानने मिला होगा!
यह भी देखें: https://allsarkarischeme.com/bihar-pension-yojana-payment/